भारतीय जन लेखक संघ का प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन 10 जनवरी 2016 द्वारा पारित संविधान
धारा 1 : नाम- संगठन का नाम भारतीय जन लेखक संघ होगा |
धारा 2 : झंडा- इसका अपना एक झंडा होगा, जिसका रंग रक्त रंग जैसा होगा | झंडे के बीच में संसार के नक्शा में सफेद रंग से खुली किताब के बीच में तिरछे आकार में कमल का चित्र बना होगा उसके नीचे एक दवात का चित्र होगा |
धारा 3 : सदस्य बनने की योग्यता- देश का कोई भी लेखक, साहित्यप्रेमी जो 16 वर्ष से अधिक का हो, सदस्य होगा | स्वच्छ छवि वाले लेखक, साहित्यप्रेमी जो इसके उद्देश्य कार्यक्रम से सहमत होंगे सदस्य बन सकते हैं |
धारा 4 : सदस्यता शुल्क- इस संगठन का सदस्यता शुल्क ₹30 वार्षिक होगा, जिसका प्रत्येक वर्ष नवीकरण किया जाएगा | आवश्यकता पड़ने पर शुल्क को बढ़ाया जा सकता है | सदस्यों को सदस्यता शुल्क के साथ-साथ अलग से सहायता शुल्क भी देना होगा |
धारा 5 : मुख्यालय- राष्ट्रीय संगठन का केंद्रीय मुख्यालय देश की राजधानी में होगा, लेकिन व्यवस्था के अभाव में तत्काल महासचिव जिस राज्य/शहर में निवास करेंगे वहीं केंद्रीय कार्यालय होगा |
धारा 6 : भारतीय जन लेखक संघ अन्य जन संगठनों की तरह राष्ट्रीय स्तर से राज्यों, जिला अन्य स्तर पर होगा | जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर-
(क) अध्यक्ष
(ख) कुछ उपाध्यक्ष,
(ग) एक महासचिव, कुछ सचिव, एक कोषाध्यक्ष, एक उपकोषाध्यक्ष होंगे | कुछ संरक्षक भी बनाए जा सकते हैं | विशेष स्थिति में कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है |
(घ) देश के राज्यों के संगठन के आधार पर कार्यकारणी के सदस्य तथा कुछ राष्ट्रीय समिति के सदस्य होंगे | जिसमें विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व होगा | इसमें राष्ट्रीय कार्यकारणी समिति में अधिक से अधिक 61 सदस्य होंगे | राष्ट्रीय समिति में अधिक से अधिक 101 सदस्य होंगे | आवश्यकता पड़ने पर संख्या को घटाया बढ़ाया जा सकता है |
(ड) इसी तरह प्रदेश व जिले, नगरों एवं अन्य स्तर के संगठन का निर्माण होगा जिसमे एक अध्यक्ष, कुछ उपाध्यक्ष, एक सचिव, कुछ संयुक्त सचिव या उप सचिव एवं एक कोषाध्यक्ष होगा |
(च) राष्ट्रीय स्तर पर, राज्य स्तर, जिला स्तर एवं अन्य स्तर पर 2 वर्षों पर सम्मेलन के द्वारा संगठन का निर्माण होगा |
धारा 8 : केंद्र में महासचिव एवं कोषाध्यक्ष तथा उप कोषाध्यक्ष के हस्ताक्षर से खाते का संचालन होगा | राज्य, जिला एवं अन्य स्तर पर भी सचिव और कोषाध्यक्ष का संयुक्त खाता होगा |
धारा 9 : बैठकें –
(क) प्रत्येक वर्ष पर राष्ट्रीय समिति की बैठक होंगी राज समिति की तीन महीनों पर और जिला एवं अन्य स्तर पर एक महीने पर बैठक होगी आवश्यकता पड़ने पर किसी भी समय बैठक बुलाई जा सकती है |
चारा 10 : अनुशासनात्मक कार्यवाई- उद्देश्य, कार्यक्रम, संविधान के विरुद्ध आचरण करने वाले सदस्य के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी | सदस्यता समाप्ति, निलंबन आदि अनुशासनात्मक कार्यवाई करने का अधिकार शाखा इकाइयों, जिला इकाईयों एवं राज्य इकाईयों तथा राष्ट्रीय समिति का अपने-अपने स्तर पर होगा | लेकिन कृत कार्रवाई की सूचना ऊपरी कमेटी को देनी होगी |
धारा 11 : महासचिव बैठक बुलाएंगे और सांगठनिक कार्यों के लिए जिम्मेवार होंगे | वह पदाधिकारियों का चयन या नियुक्ति कर कुछ नए पदाधिकारियों का चयन या नियुक्ति कर सकेंगे | जिसकी स्वीकृति बाद में कार्यकारिणी या राष्ट्रीय समिति से लेनी होगी | आवश्यकता पड़ने पर कुछ तुरंत कुछ जरुरी फैसले ले सकते हैं, जिसकी पुष्टि बाद में राष्ट्रीय समिति से करानी होगी | विशेष अधिवेशन भी बुलाया जा सकता है |
धारा 12 : अध्यक्ष बैठक की अध्यक्षता ही नहीं करेंगे अपितु संगठन को संवैधानिक नियमों के अनुकूल निर्देश देंगे | अध्यक्ष की अनुपस्थिति से उपाध्यक्ष भी अध्यक्ष के दायित्वों का निर्वहन करेंगे | अध्यक्ष की उपस्थिति में उपाध्यक्ष संगठन को मजबूत व विकसित करने में अध्यक्ष की मदद करेंगे | अध्यक्ष महासचिव को संवैधानिक नियमों के आधार पर संगठन का नेतृत्व व विकास करने का निर्देश देंगे |